टेबल टेनिस खेल के नियम:- यह खेल दो (एकल) और चार खिलाड़ियों (युगल) में खेला जाता है। आम तौर पर खेल छते स्टेडियम में होता है। इस खेल में रैकेट अथवा बैट से एक छोटी-सी गेंद छोटी-सी टेबल (Table Tennis Rules in Hindi) के मध्य में लगाए नेट के आर-पार फेंकी जाती है। मेज चार भागों में बँटी होती है। इसमें शाट लगाकर गेंद इस तरह विरोधी खिलाड़ी के पास भेजी जाती है कि वह उसे लौटा न पाये। ऐसा करने वाले को अंक मिलता है। अधिक अंक पाने वाला विजयी होता है।
टेबल टेनिस खेल के नियम

टेबल टेनिस खेल के नियम
मेज
मेज किसी भी सामग्री से बनाई जा सकती है। परन्तु यह ऐसी होनी चाहिए कि गेंद को एकदम उछाल मिले। मानक अथवा स्टैंडर्ड गेंद को सतह से 30.5 सेंटीमीटर ऊपर से गिरने पर उसे कम से कम 22 सेंटीमीटर और अधिक से अधिक 25 सेंटीमीटर ऊपर उछलना चाहिए। मेज को सतह गहरे रंग की होनी चाहिए जो अधिक चमकदार न हो। इसे सफेद रेखाओं से अंकित मैचों किया होना चाहिए। मेज के किनारों पर 2 सेटीमीटर चौड़ी सफेद रेखाएं खिंची होती है। ऊपरी सतह की साइडे खेल में काम आने वाला मेज का हिस्सा नहीं मानी जाती। युगलों के लिए मेज की सतह को तीन मिलीमीटर चौड़ी सफेद लाइनों से दो बराबर भागों में बाँट लिया जाता है।
नेट
1.83 मीटर लम्बा होता है और टेबल के मध्य में लगा होता है। इसे बाँधने के लिए दोनों किनारों पर खड़े सपोर्ट लगे होते हैं जिनसे नेट को कसकर बाँधा जाता है।
मेज (खेल क्षेत्र)
चौड़ाई के रुख में दोनों तरफ यह कम से कम 152 मीटर और दो सिरो के बीच 2.74 मीटर होना चाहिए। मेज की अधिकतम ऊँचाई 76 मीटर होती है।
रैकेट
यह किसी भी वजन, आकार और साइज का हो सकता है। इसका फलक अथवा ब्लेड लकड़ी का होना चाहिए। यह फलक बिना टूट-फूट के व सम मोटाई का होना चाहिए। यह चपटा और गैर-लचकीला भी होना चाहिए (राष्ट्रीय टेबल टेनिस (टेबल टेनिस खेल के नियम) संघ परीक्षण की दृष्टि से अन्य सामग्री के इस्तेमाल की अनुमति दे सकते हैं) फलक की दोनों साइडें एक सम व गहरे रंग की होनी चाहिए; परन्तु यह जरूरी नहीं कि दोनों साइड एक ही रंग की हो। फलक का वह हिस्सा जो हाथों के सबसे निकट होता है और जिसे अंगुलियों से पकड़ा गया होता है किसी भी सामग्री से दीपा जा सकता है।
फलक पर निम्नलिखित वस्तुएँ चढ़ाई जा सकती है—(क) समतल बिन्दुओं वाला रबड़, जिसमें बिन्दु बाहर की तरफ हों। इनकी कुल मोटाई 2 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। (ख) सेलुलर रबर की सैंडविच जिसको सतह पर समतल बिन्दुओं वाला स्वर लगाया गया हो। ये चिह्न बाहर अथवा अन्दर किसी भी ओर हो सकते हैं और इनकी कुल मोटाई 4 मिलीमीटर से अधिक नहीं हो सकती। रैकेट की जिस साइड से गेंद नहीं खेली जाती उस तरफ की सतह को ढाँपने संबंधी कोई नियम लागू नहीं होता।
गेंद
सेलुलायड अथवा प्लास्टिक से बनी गेंद सफेद अथवा पीले रंग की हो सकती है। इसकी सतह चमकीली नहीं होनी चाहिए। इसका वजन 2.40 ग्राम से 2.53 ग्राम अर्थात् 0,085 औंस से 0.09 और के बीच होना चाहिए।
पोशाक
खिलाड़ियों को सफेद पोशाक पहनने की इजाजत नहीं होती। यद्यपि कमीजों की किनारियाँ सफेद हो सकती है। आम तौर पर मैच के समय खिलाड़ी गहरे रंग की कमीज निकर तथा है बालिकाएँ टीशर्ट-स्कर्ट पहनती है। चपटे तले वाले जूते पहनने की भी इजाजत होती है।
अधिकारी
खेल का नियंत्रण रैफरी करता है। वह किसी खिलाड़ी को दुर्व्यवहार के कारण खेल से अलग अथवा निलम्बित कर सकता है।
गेम
जो खिलाड़ी 21 अंक पहले बना लेता है वही गेम जीतता है। हाँ, यदि दोनों ही 20 अंक की बराबरी पर हों तो विजेता वह होता है जो विरोधी से दो अंक अधिक बना लेता है।
मैच
तीन अथवा पाँच गेम का मैच हो सकता है। खेल निरन्तर जारी रहता है। खिलाड़ी तीसरी और चौथी गेम के बीच पाँच मिनट विश्राम का समय ले सकते हैं अन्य गेमों के बीच एक मिनट से अधिक समय नहीं लिया जा सकता ।
सर्विस और साइड का चुनाव
इनका फैसला टास से होता है। यदि टास-विजेता सर्विस करने अथवा सर्विस का सामना करना चुनता है तो टास हारने वाले को साइड चुनने का अधिकार होता है। टास – विजेता साइड चुनता है तो टास हारने वाले को अधिकार होता है कि वह सर्विस करने अथवा पाने का फैसला करे। उलट युगल मैचों में हर जोड़ी यह फैसला स्वयं करती है कि उन दोनों में से किसने पहली गेम में सर्विस करनी है और किसने पहले सर्विस का सामना करना है।
खेल क्रम
गेंद जब तक खेल में रहती है उस अवधि को रैली कहा जाता है। रैली में गेंद पर पहले प्रहार करने वाला खिलाड़ी सर्वर और दूसरे नम्बर पर प्रहार करने वाला रिसीवर कहलाता है (स्ट्रक) का अर्थ है—रैकेट वाले हाथ की कलाई के नीचे के भाग से गेंद पर प्रहार करना । रैकेट हाथ से छूट जाने पर अथवा बैट फेंककर हाथ से गेंद पर प्रहार करना (टेबल टेनिस खेल के नियम) नियमानुसार नहीं होता।
एकल मैचों में पहले खिलाड़ी द्वारा सर्विस की जाती है तब दूसरा खिलाड़ी गेंद को लौटाना है और इसके बाद यह क्रम चल पड़ता है । युगल मैच में पहले सर्विस करने वाला सर्विस करता है फिर विरोधी खिलाड़ी गेंद लौटाता है। सर्वर का साथी खिलाड़ी तब गेंद पर प्रहार करता है और तब दूसरी तरफ का दूसरा खिलाड़ी गेंद लौटाता है, इस प्रकार यह क्रम चलता रहता है।
सर्विस
एक हाथ में बैट और दूसरे हाथ में गेंद हथेली पर रखी जाती है। गेंद स्थिर और मेज की सतह के ऊपर होनी चाहिए हथेली प्यालनुमा नहीं होनी चाहिए। अंगूठा खुला और अंगुलियाँ इकट्ठी रखी जानी चाहिए। गेंद हाथ से लगभग लम्ब दिशा में ऊपर फेंकी जाती है। इसे स्पिन नहीं दी जाती। गेंद सारा समय अम्पायर को दिखाई देती रहनी चाहिए। हथेली से अलग होते समय भी दिखाई देती रहनी चाहिए।
गेंद मेज पर पहले तो सर्व करने वाले के कोर्ट को छूती है और तब वहाँ से नेट के पार दूसरे खिलाड़ी के कोर्ट में जाती है। गेंद घूमकर भी नेट के पार जा सकती है (घूमकर जाने का मतलब है कि नेट के बाहर निकले भाग, उसकी सपोर्ट के ऊपर से जो कि किनारा रेखाओं से बाहर होते है)
गेंद पहली ही कोशिश में हिट कर ली जानी चाहिए। उस समय रैकेट, मेज अथवा इसके काल्पनिक प्रसार से परे होना चाहिए युगल मुकाबलों में गेंद पहले मेज के दायें के आधे कोर्ट को छूनी चाहिए और तब तिरछी दिशा में नेट के पार के कोर्ट अथवा रेखा को।
सर्विस लौटाना
गेंद इस तरह हिट की जानी चाहिए कि नेट के ऊपर से अथवा चूम करके विरोधी के कोर्ट में जाए। यदि ऐसा करने के दौरान गेंद नेट अथवा सपोर्ट को छूती है तो माना जाएगा कि वह सीधे ही नेट पार कर गई है; परन्तु लौटाव से पहले गेंद को दो बार उठान नहीं लेने दी जाती, और न ही एक खिलाड़ी लगातार दो बार गेंद हिट कर सकता है।
वाली लगाना
इस खेल में वाली लगाने अर्थात् मेज की सतह के गेंद छूने से पहले ही उस पर प्रहार करने की अनुमति नहीं होती। ऐसा करने पर खिलाड़ी एक अंक खोता है। यदि गेंद नेट, इसकी सपोर्ट और मेज की सतह के अलावा और किसी वस्तु को छूती है तो उसे खेल से बाहर माना जाता है। रैकेट अथवा रैकेट वाले हाथ की कलाई से नीचे के भाग से गेंद छू जाने को भी छू गलत माना जाता है।
साइड बदलना-खिलाड़ी हर गेम के बाद साइड बदलते हैं। ऐसा मैच खतम होने तक चलता है। आखिरी गेम में जब खिलाड़ी 10 अंक बना लेते हैं तो भी साइड बदली जाती है। गलत साइड-खिलाड़ी यदि गलत साइड से खेल रहे हों तो गलती पकड़े जाने पर तुरन्त ही साइड बदलनी चाहिए हाँ, यदि गलती पकड़े जाने से पहले कोई गेम पूरी की जा चुकी हो तो इस गलती की उपेक्षा कर देनी चाहिए। दोनों ही हालतों में गलती होने के समय से लेकर तब तक बने सभी अंकों को गिना जाता है।
अंक
यदि कोई खिलाड़ी ठीक सर्विस नहीं करता अथवा ठीक तरह से गेंद लौटा नहीं पाता तो उसके विरोधी को अंक मिलता है। यदि एक खिलाड़ी गेंद को बाहर भेज देता है अथवा युगल मुकाबले में अपनी बारी के बिना हिट कर देता है तो भी विरोधी को अंक दिया जाता है। हाँ, यदि ऐसा गलती से किया गया हो तो अंक नहीं खोना पड़ता।
खेल चालू होने पर यदि खिलाड़ी अपने हाथ से मेज के किसी भाग को छू देता है तो भी उसके विरोधी को अंक मिल जाता है। खिलाड़ी को अन्य कई हालतों में भी अंक मिलता है जैसे-
- यदि विरोधी की कोई वस्तु अथवा उसके द्वारा पहना कोई वस्त्र गेंद से स्पर्श करता है और गेंद ने तब तक मेज की सतह छुए बिना किनारे की रेखा अथवा सिरा रेखा को अभी पार करना होता है
- यदि विरोधी उसका रैकेट या उसके द्वारा पहनी कोई वस्तु नेट अथवा इसके सपोर्ट को जाती है
- या गेंद के खेल में होने पर भी खिलाड़ी खेल सतह को हिला देता है
- खेल अधिक लम्बा न चले, इसके लिए बनाए नियम के अनुसार सर्वर तब भी अंक पा लेता है यदि वह तेरह बार अपने विरोधी से लौटाई गेंद खेल लेता है
- और यदि खिलाड़ी सर्विस करते समय गंद को हिट करने में पूरी तरह चूक जाता है तो भी वह अंक खो देता है
लैट
लैट ऐसी रैली है जिस पर कोई अंक नहीं बनता । लैट नीचे लिखी हालतों में होता है-
- सर्विस करने पर यदि अथवा इसके सपोर्ट को छू जाती है, पर सर्विस ठीक तरह से की गई हो अथवा सर्विस पाने वाले ने वाली लगा दी हो
- विरोधी खिलाड़ी या उसका साथी तैयार भी न हो सका हो तो भी सर्विस कर दी जाए, हो, शर्त यह है कि गेट लौटाने की कोई कोशिश न की गई हो
- यदि कोई खिलाड़ी अपने काबू से बाहर के कारण से ठीक सर्विस करने अथवा गेंद लौटाने में असफल रहे, मिसाल के तौर पर किसी दर्शक के एकाएक हिलने अथवा जोर से शोर होने से,
- खेल के दौरान गेंद टूट जाए
- साइडों के चुनाव में गलती पकड़ी जाए और उसे ठीक करने के लिए खेल रोका जाए
- लम्बी रैली को तोड़ने के लिए नियम लागू करना हो
सर्विस बदलना
सिवाय कुछ अपवादों को छोड़कर एकल और युगल मुकाबलों में पाँच अंकों के बाद एक खिलाड़ी से दूसरे खिलाड़ी को सर्विस (टेबल टेनिस खेल के नियम) मिलती है। युगल मैचों में सर्विस का क्रम इस प्रकार रहता है- ‘1 क’ खिलाड़ी दूसरी जोड़ी के पहले खिलाड़ी को ‘2 क’ को सर्व करता है । ‘2’ तब ‘क’ के जोड़ीदार ‘ख’ को सर्विस करता है। इसके बाद ‘ख’ खिलाड़ी ‘2 ख’ को सर्विस करता है और तब ‘2 ख’ खिलाड़ी फिर ‘1 क’ को सर्व करता है। 20- आल के स्कोर से अथवा शीघ्र समापन प्रणाली के इस्तेमाल पर सर्विस का क्रम बदलता नहीं परन्तु हर खिलाड़ी गेम खतम होने तक बारी-बारी से सर्विस करता है। जिस खिलाड़ी अथवा जोड़ी ने पहले सर्विस की होती है दूसरी गेम में उसे ही पहले विरोधी की सर्विस का सामना करना होता है।
युगल मैचों की हर गेम में सर्विस का सामना करने का शुरू का क्रम पिछली गेम के क्रम से उलटा होता है। युगल मैच की अन्तिम गेम में सर्विस पाने वाली जोड़ी (सर्विस पाते समय अपना ) सर्विस पाने का क्रम उस समय बदल लेती है जब विरोधी जोड़ी 10 अंक बना लेती है। सर्विस करने अथवा उसे पाने में यदि कोई गलती हो जाए तो उसे तुरंत जानकारी में आने के बाद ही ठीक कर लेना चाहिए। गलती के बाद लिए गए सभी अंक माने जाते है।
तत्काल मैच समाप्ति प्रणाली-खेल शुरू होने के 15 मिनट बाद तक यदि खेल समाप्त नहीं होता तो यह नियम लागू होता है तब यह नियम मैच के शेष गेमों पर भी लागू होता है। 15 मिनट बीत जाने पर अम्पायर लैट बोलकर खेल रोक देता है। यदि रैली के दौरान खेल अंग किया गया हो तो सर्विस वह खिलाड़ी करेगा जिसने रोकी रैली के आरंभ में सर्विस की थी। सर्विस पाने वाले खिलाड़ी के स्ट्रोक ऊँचे-ऊँचे बोलकर गिने जाते हैं 1 से 13 तक ठीक रिटर्न के बाद भी यदि खेल चलता रहता है तो अंक उस जोड़ी को अथवा खिलाड़ी को मिलता है। जिसने सर्विस का सामना किया होता है।
मीट्रिक प्रणाली में माप
6 इंच = 15.25 सेमी | 9 फुट = 2.74 मीटर |
2 फुट 6 इंच = 76 सेमी | 5 फुट = 1.52 मीटर |
.08 इंच = 2 मिलीमीटर | 1 1/2 इंच = 38.2 मिलीमीटर |
.016 इंच = 4 मिलीमीटर | 3/4 इंच = 1.905 सेमी |
FAQ’s
Ans: खिलाड़ी को गेंद साफ-साफ नजर आ सके।
Ans: खिलाड़ियों को इससे सफेद रंग की गेंद साफ-साफ नजर आती है।
Ans: जो खिलाड़ी 21 अंक पहले बना लेता है वह गेम जीतता है। यदि 20 अंक की बराबरी हो जाए तो विजेता वह होता है जो विरोधी से लगातार दो अंक और अधिक बना लेता है। तीन अथवा पाँच गेम का एक मैच होता है।
Ans: रैली में गेंद पर पहले प्रहार करने वाला खिलाड़ी सर्वर और दूसरे नम्बर पर प्रहार करने वाला खिलाड़ी रिसीवर कहलाता है।
Ans: ‘स्ट्रक’ शब्द का अर्थ है रैकेट वाले हाथ की कलाई के नीचे के भाग से गेंद पर प्रहार करना यह नियमानुकूल नहीं होता।
Ans: हाथ से गेंद पर प्रहार करना नियमानुकूल नहीं होता।
Ans: नियमानुसार गेंद सारा समय अम्पायर को दिखाई देती रहनी चाहिए यहाँ तक कि हथेली से अलग होते समय भी दिखाई देती रहनी चाहिए, इस कारण से सर्विस के समय हथेली प्यालानुमा नहीं होनी चाहिए।
Ans: सर्विस ठीक मानी जाती है।
Ans: खिलाड़ी हर गेम के बाद साइड बदलते है। आखिरी गेम में जब खिलाड़ी अथवा जोड़ी 10 अंक बना लेते हैं तो भी साइड बदली जाती है।
Ans: गलती गेम से पहले पकड़ी जाए तो साइड तुरन्त बदलनी होगी। मगर गेम के बाद इसकी उपेक्षा कर देनी चाहिए। दोनों ही हालतों में गलती होने के समय से लेकर तब तक बने सभी अंको को गिना जाता है।
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