यदि आप ठंडे पानी से नहाने के फायदे (Thande Pani Se Nahane Ke Fayde) जान जायेंगे तो आप भी ठंडे पानी से नहाना शुरू कर देंगे। प्रकृति के पाँच महत्वपूर्ण तत्वों में जल भी एक है। हमारे शरीर का 70 फीसदी भाग जल से पूरित है। जल में बहुत गुण हैं। ठंडे पानी का स्नान आपको स्वस्थ व चुस्त-दुरुस्त रखने में कारगर भूमिका निभा सकता है। अपवादस्वरूप कुछ विभिन्न रोगों में ठंडे पानी से स्नान नहीं करना चाहिए।
ठंडे पानी से नहाने के फायदे

ये है ठंडे पानी से नहाने के फायदे
अक्सर जब किसी शख्स पर ठंडे पानी से भरी बाल्टी उड़ेल दी जाती है, तब उसे कपकपी लगती है। इसका कारण यह है कि एक बाल्टी ठंडा पानी पड़ने से व्यक्ति की रक्त वाहिनियां (ब्लड वेसेल्स) सिकुड़ जाती हैं। ये रक्त वाहिनियां त्वचा की सतह और शरीर के आंतरिक भागों को रक्त की आपूर्ति करती हैं।
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इनकी सिकुड़ने पर ही व्यक्ति को कंपकपी लगती है, किंतु यह स्थिति क्षणिक होती है। अक्सर आपने लोगों से यह कहते सुना होगा कि ठंडे पानी से स्नान करने के बाद जाड़ा नहीं लगता और शरीर तरोताजगी से भर जाता है। इसका कारण यह है कि जो रक्त त्वचा की सतह और उसके अंदरूनी भागों में गया था, वही रक्त फिर से त्वचा की सतह पर आता है। किंतु इस बार यह त्वचा की ऊपरी सतह को गर्म करता है। सच तो यह है कि यह वापस लौटा रक्त त्वचा को ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को ऊर्जा व तरोताजगी से भर देता है।
- ठंडे पानी से स्नान करने से शरीर की जीवनी शक्ति बढ़ती है। इस कारण शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है।
- ठंडा पानी शरीर के आंतरिक महत्वपूर्ण अंगों- यकृत, उदर और तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को शक्ति प्रदान करता है।
- शरीर में रक्त के शुद्धिकरण की प्रक्रिया बढ़ जाती है। शीतल जल का स्नान मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
ध्यान रखें
- शीतल जल से स्नान करने से पूर्व हाथों से रगड़कर शरीर को गर्म कर लेना चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर पर ठंडे पानी की प्रतिक्रिया और अच्छी होगी तथा आपको कंपकंपी भी कम लगेगी।
- बीमार और दुर्बल व्यक्तियों, वृद्धों और शिशुओं को ठंडे पानी से स्नान नहीं करना चाहिए। इन्हें सामान्य तापक्रम के गुनगुने पानी से ही स्नान करना चाहिए।
- थके लोगों को तुरंत ही ठंडे पानी से स्नान करने से बचना चाहिए। उन्हें ठंडे पानी से स्नान करने के पूर्व कम से कम आधे घंटे तक आराम करना चाहिए।
- ठंडे पानी का तापक्रम 8 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहना जरूरी है। बेहतर हो कि आप बाल्टी को रात भर खुले में रख दें और फिर सुबह इसी पानी से स्नान करें।
- ठंडे पानी से स्नान करने के पूर्व अपने डाक्टर से परामर्श जरूर लें।
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