वचन किसे कहते हैं, परिभाषा, वचन कितने प्रकार के होते हैं, उदाहरण के साथ

वचन किसे कहते हैं:- शब्द के जिस रुप से एक अथवा अनेक होने का बोध हो उसे ‘वचन’ कहते हैं। वचन का शाब्दिक अर्थ संख्यावचन है। विकारी शब्दों (अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया और विशेषण) के जिस रूप से उनकी संख्या का बोध होता है, उसे वचन (Vachan Kise Kahate Hain) कहते हैं। हिन्दी भाषा में वचन 2 प्रकार के होते हैं। एक भजन संध्या तथा क्रिया की कोटि का भाग है। भाववाचक संज्ञा द्रव्यवाचक संज्ञा तथा व्यक्तिवाचक संज्ञा एकवचन में आती हैं।

वचन किसे कहते हैं

वचन किसे कहते हैं
Vachan Kise Kahate Hain

वचन कितने प्रकार के होते हैं

हिंदी में वचन दो प्रकार के होते हैं-

  1. एकवचन
  2. बहुवचन

संस्कृत में वचन 3 प्रकार के होते हैं-

  1. एकवचन
  2. द्विवचन
  3. बहुवचन

1. एकवचन किसे कहते हैं

शब्द के जिस रुप से उसकी एक (संख्या) होने का बोध हो उसे एकवचन कहते हैं। शब्द के जिस रूप से हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, पदार्थ आदि का संख्या में एक होने का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे- लड़का, नदी, घोड़ा, मेज आदि।

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2. बहुवचन किसे कहते हैं

शब्द के जिस रूप में एक से अधिक का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं। शब्द के जिस रूप से हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, पदार्थ आदि का संख्या में एक से अधिक होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे- लड़के, नदियाँ, घोड़े आदि।

एकवचन की जगह पर बहुवचन के प्रयोग से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण नियम

नियम-1

आदर प्रकट करने के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है जो इस प्रकार है

  1. राजा जी के बड़े बेटे आये हैं।
  2. शिवाजी वीर थे।
  3. गांधीजी चंपारन गये थे।
  4. भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे।

नियम-2

बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग वह के स्थान पर वे और मैं के स्थान हम का प्रयोग करते हैं। किन्तु वे एकवचन ही होते हैं। जैसे- (1) मालिक ने अपने नौकर से कहा कि हम मीटिंग में जा रहे हैं। (2) आज अरविन्द से बात हुई तो वे मुझसे बात करके बड़े प्रसन्न हुए।

नियम-3

द्रव्य वाचक संज्ञाओं का प्रयोग केवल एकवचन के रूप में किया जाता है। जैसे- घी, तेल, पानी, दूध, दही, लस्सी आदि।

नियम-4

संबंध बताने वाले शब्दों का प्रयोग समान रूप से एकवचन एवं बहुवचन दोनों में किया जाता है। जैसे- नाना, नानी, मामा, मामी, चाचा, चाची, दादा, दादी, ताई, ताऊ आदि । अपवाद- साला, भानजा, भतीजा, बेटा, माता आदि।

नियम-5

कभी-कभी किसी व्यक्ति को सम्मान देने के लिए व्यक्ति तुम की जगह पर आप शब्द का प्रयोग करता है। जो कि एकवचन ही होता है। जैसे- क्या आप आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय गये थे। 2. क्या आप पुस्तकें लाये थे।

नियम-6

धातुओं का प्रयोग एकवचन के रूप में किया जाता है। जैसे- सोना, चाँदी, पीतल, ताँबा, जस्ता, एल्युमीनियम, हीरा आदि।

नियम-7

हर, हर एक, प्रत्येक का प्रयोग सदैव एकवचन के रूप में किया जाता है। जैसे

  1. हर इंसान सच नहीं बोलता।
  2. हर एक में बुराइयों के साथ-साथ कुछ अच्छाइयाँ भी पाई जाती हैं।
  3. प्रत्येक व्यक्ति को कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिए।

नियम-8

समूहवाचक संज्ञाओं का प्रयोग केवल एकवचन के रूप में किया जाता है। जैसे- जनता, टोली, सभा, परिषद्, पुस्तकालय आदि।

  1. जनता अपना प्रतिनिधि स्वयं चुनती है।
  2. सभा में सभी व्यक्ति मौजूद नहीं थे।

नोट- किन्तु ज्यादा समूहों का बोध कराने के लिए समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग बहुवचन के रूप में भी किया जाता है। जैसे-

  1. जनता ने अपने कई प्रतिनिधियों का चुनाव किया।
  2. विद्यार्थियों की टोली ताजमहल देखकर वापस आ रही है।

नियम-9

कभी-कभी एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ लोग, गण, जन, समूह, वृन्द, दल, वर्ग आदि शब्द लगाकर भी उनका बहुवचन बनाया जाता है। वचन किसे कहते हैं

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एकवचन से बहुवचन बनाने के कुछ सामान्य नियम

  • आकारान्त युक्त पुल्लिंग शब्दों में ‘आ’ की जगह पर ‘ए’ लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
लड़कालड़के
कपड़ाकपड़े
  • अकारान्त युक्त स्त्रीलिंग शब्दों में ‘अ’ की जगह ‘एँ’ लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
रातरातें
बेलबेलें
  • स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों में ‘या’ की जगह पर ‘याँ’ लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
चिड़ियाचिड़ियाँ
गुड़ियागुड़ियाँ
  • इकरांत और ईकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘याँ’ जोड़कर अर्थात अंतिम ‘इ’ या ‘ई’ को ‘इयाँ’ में बदलकर एकवचन से बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
मिठाईमिठाइयाँ
कलीकलियाँ
  • आ, उ, ऊ और औ की जगह पर ‘एँ’ लगाकर एवं ‘एँ’ लगाने से पूर्व आए हुए ‘ऊ’ को ‘उ’ में बदलकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
कथाकथाएँ
कक्षाकक्षाएँ
  • संस्कृत के आकारांत शब्दों और हिन्दी की अकारांत, उकारांत, ऊकारांत और औकारांत संज्ञाओं को बहुवचन बनाने के लिए इन शब्दों के अंत में ‘ओं’ जोड़ा जाता है। किंतु ‘ओं’ जोड़ने के बाद ‘ओं’ के पहले आने वाले ‘ऊ’ को ‘उ’ में बदल दिया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
लतालताओं
साधुसाधुओं
  • इकारांत और ईकारांत संज्ञाओं के पीछे ‘यों’ जोड़कर और ‘यों’ से पहले आने वाले ‘ई’ को ‘इ’ में बदलकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
एकवचनबहुवचन
साड़ीसाड़ियों
नदीनदियों
  • गुणवाचक और भाववाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन के रूप में किया जाता है किन्तु इनकी संख्या एवं प्रकार हैं बताने के लिए इनका प्रयोग बहुवचन के रूप में किया जा सकताहै। जैसे- सज्जनता, विवशता, खूबियाँ, धोखा आदि।
  • सदा एक वचन के रूप में प्रयुक्त होने वाले शब्द जनता, वर्षा, मजा, चर्चा, आटा, जल, वृंद, आकाश, प्रजा, भीड़, व्यथा, सत्य, गण, वर्ग, दल, हर, सहायता ।
  • सदा बहुवचन के रूप में प्रयुक्त होने वाले शब्द दर्शन, दर्शक, प्राण, समाचार, हस्ताक्षर, अक्षत, लोग, होश, ओंठ, दाम, भाग्य, रोम, बोल, आदि।

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