वनीला एसेंस कैसे बनता है? वनीला एसेंस और वैनिला एक्सट्रैक्ट में क्या अंतर है?

वनीला एसेंस कैसे बनता है: विनी लाइसेंस और वनीला एक्सट्रैक्ट का कई जगह इस्तेमाल होता है जैसे केक बनाना, पेस्ट्री बनाना, आइसक्रीम बनाना, कुकीज़ या बिस्किट के लिए क्रीम बनाना इत्यादि। कई लोग खीर में भी फ्लेवर के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं।

वनीला एसेंस कैसे बनता है

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क्या आपने कभी सोचा है की वनीला एसेंस पर बने लेक्स्टेक में क्या अंतर होता है? वनीला एसेंस को कैसे बनाया जाता है? वनीला एसेंस किन चीजों को मिलाकर बनता है?

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वनीला एसेंस और वनीला एक्सट्रैक्ट में अंतर

वेनिला एसेंस

आर्टिफिशियल फेवर या फिर वनीला का इमिटेशन फ्लेवर वनीला एसेंस कहते हैं।

वैनिला एक्सट्रैक्ट

वनीला एक पौधा होता है जिसके फलों के बींस को एक्सट्रैक्ट करके निकाला गया वनीला एक्सट्रैक्ट कहलाता है। कई बड़ी ब्रांडेड कंपनियां वनीला एक्सट्रैक्ट को इस नाम से भी बेचती है-“प्योर वनीला फ्लेवर”

वनीला एसेंस और वनीला एक्सट्रैक्ट कैसे बनता है?

इसको बनाने के लिए पानी, प्रोपिलीन ग्लाइकोल, एथेनॉल और कई अन्य केमिकल फ्लेवर और कलर को मिलाकर बनाते हैं। वनीला एक्सट्रैक्ट को बनाने के लिए वनीला बींस को पानी और एथिल अल्कोहल के घोल में डुबोया जाता है उसके बाद इसमें स्वीटनर, कॉर्न सिरप और शक्कर भी मिलाया जाता है। यह कम प्रोसैस्ड होता है और इसमें वनीला फ्लेवर भी काफी स्ट्रांग होता है। जिसके कारण यह महंगा होता है।

अलग-अलग देशों में वनीला एसेंस बनाने का तरीका अलग होता है। कुछ देशों में तो वनीला एसेंस को बनाने के लिए वनीला बींस का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। वनीला केसर के बाद दूसरा महंगा मसाला माना गया है क्योंकि इसे उगाने में और प्रोसेस करने में बहुत मेहनत लगती है।

यदि आप नेचुरल वनीला एसेंस बाजार से ले रहे हैं तो इनमें भी लगभग 2:00 से 3:00 प्रतिशत अल्कोहल मिला होता है। वनीला का इस्तेमाल आइसक्रीम में केक बनाने में बिस्किट की क्रीम बनाने में और कई अन्य जगहों पर भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसके उपयोग में केवल दो से तीन बूंदों का ही उपयोग किया जाता है क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन हमारे लीवर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

वनीला कहां से आता है?

यह एक बहुत ही सुगंधित पदार्थ है जो हमें प्राकृतिक तरीके यानी पेड़ से मिलता है। इसकी उत्पत्ति वनीला वंश के आर्किड से होती है। यह एक बेल समान पौधा है जिसका तना दृढ़ कूदेता होता है और लंबी पत्तियों वाला होता है। इसका फल सेम के सामान दिखने वाला होता है जिसके अंदर से बीज की उत्पत्ति होती है। इसी बीच के इस्तेमाल से वनीला एसेंस और वनीला एक्सट्रैक्ट को बनाया जाता है।

वनीला की खेती सबसे पहले मेक्सिको गल्फ पोस्ट पर खेती करने वाले लोगों ने की थी। भारत में इसकी खेती नो वे दशक के बाद से आरंभ हो गई थी। केरल कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने वनीला की खेती को प्रारंभ किया था।

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