विश्वनाथन आनंद का जीवन परिचय? विश्वनाथन आनंद की आत्मकथा?

विश्वनाथन आनंद का जीवन परिचय:– शतरंज की दुनिया के बेताज बादशाह विश्वनाथन आनंद का जन्म 11 दिसंबर 1969 . में चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। विश्वनाथ आनंद के पिता का नाम विश्वनाथन अय्यर था इनकी माता का नाम सुशीला था। शतरंज की दुनिया में अपना नाम बनाने वाले विश्वनाथ आनंद को कई पुरस्कार मिले जिसमें उन्हें पद्म विभूषण, राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री से नवाजा गया है। बचपन से ही आनंद को शतरंज खेलने में बड़ी रूचि रहा करती थी और इसी रूचि के कारण वह बड़े होकर शतरंज के विश्व चैंपियन बने। विश्वनाथन आनंद पर निबंध।

विश्वनाथन आनंद का जीवन परिचय

विश्वनाथन आनंद का जीवन परिचय
Viswanathan Anand Ka Jeevan Parichay

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Viswanathan Anand Biography in Hindi

मुख्य बिंदुजानकारी
पुरा नामविश्वनाथन आनंद
जन्म11 दिसम्बर, 1969
जन्म स्थानचेन्नई, तमिलनाडु, भारत
पिताविश्वनाथन अय्यर
मातासुशीला
पत्नीअरुणा आनंद
पुत्रअखिल आनंद
पुरस्कारपद्म विभूषण, राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री

विश्वनाथन आनंद शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन

विश्वनाथन आनंद शतरंज (विश्वनाथन आनंद का जीवन परिचय) की दुनिया के बादशाह बन गए हैं। सितंबर 2007 में विश्वनाथन आनंद शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन बन गए है। उन्होंने करीब सात साल बाद यह कमाल किया हंगरी के पीटर लेको के साथ 14वीं और आखिरी बाजी को उन्हें ड्रॉ समाप्त करना ही काफी था। आनंद ने सफेद मोहरों से खेलते हुए आसानी से ड्रॉ खेलकर 20 चालों के बाद ही यह कामयाबी हासिल की। उन्हें कुल नौ अंक हासिल हुए और वह प्रतियोगिता के एकमात्र अपराजित खिलाड़ी रहे। इस तरह वह 1993 के बाद निर्विवाद रूप से वर्ल्ड चैम्पियन बने हैं। इस कामयाबी के साथ आनंद एक अक्टूबर को जारी होने वाली ईएलओ रेटिंग में भी टॉप पर रहेंगे।

आनंद ने इस बार कुल 4 बाजियाँ जीती, जबकि 10 मौकों पर बाजियाँ ड्रॉ रहीं। उनकी शुरूआत इतनी धमाकेदार थी कि उन्हें इस खिताब के लिए अपनी आखिरी तीन बाजियों को ड्रॉ करना ही काफी था। आनंद ने माना कि उनका काम काफी आसान हो गया था। रूस के व्लादीमिर क्रामनिक ने टाई ब्रेकर में इस्राइल के बोरिस गेलफेंड को हराकर प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया। कामनिक ने अंतिम दौर में अर्मेनिया के लेवोन अरोनियन को हराया, जबकि गेलफेंड और एलेक्जेंडर मोरोजेविच को बाजियाँ ड्रॉ रहीं।

गेलफेंड (8) को तीसरा और पीटर लेको (7) को चौथा स्थान हासिल हुआ। रूस के पीटर स्विडलर अपने ही देश के अलेक्जेंडर सिबुक को हराकर पाँचवें स्थान पर रहे। स्विडलर की यह प्रतियोगिता में पहली जीत थी। वह तालिका में सबसे नीचे बने रहे। अरोनियन और मोरोजेविच छह अंको के साथ छठे स्थान पर रहे जबकि स्विडजर के हाथों शिकस्त झेलने वाले ग्रिसचुक साढ़े पाँच अंकों के साथ सबसे नीचे रहे।

इससे पहले विश्वनाथन 2000 ई. में भी शतरंज के विश्व चैंपियन बने थे। उनकी प्रमुख उपलब्धियों इस प्रकार हैं :-

विश्व चैंपियनशिप2000, 2007
कोरस सुपर ग्रैंडमास्टर1989, 1998, 2003, 2004, 2006
डॉर्टमंड996, 2000, 2005
कोर्सिका मास्टर्स2000, 2001, 2002, 2003, 2004
विश्व कप2000, 2002
मेलोडी अम्बर टूर्नामेंट1994, 1997, 2003, 2007
रेजियो एमीलिया1991
लिनारेस1998, 2007
क्रेडिट स्विस मास्टर्स1997
डॉस हेरमनैस1997
टोर्नियो डि मैड्रिड1998

विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2000

अब, 29 सितंबर, 2007 को आनंद ने बगैर आतंक फैलाए यह ड्रा खेला। इसी के साथ वह विश्व शतरंज चैंपियनशिप में निर्विवाद चैंपियन बने। साथ ही, विश्व में सबसे ज्यादा ईलो रेटिंग वाले खिलाड़ी भी। इस दौरान आनंद ने अनगिनत शतरंज खिताब जीते। यहाँ तक कि 2000 में विश्व खिताब भी जीता था। लेकिन तब वह ठसक नहीं थी, जो अब है। कास्परोव तब नहीं आए थे। क्रमनिक नहीं थे। आनंद ने शुरुआती राउंड दिल्ली में जीतते हुए फाइनल तेहरान में पाया था।

शतरंज की दुनिया दोफाड़ थी। चेस बोर्ड पर बैठे सबसे सज्जन खिलाड़ी आनंद को अच्छी डील नहीं मिली। जब शांति करवाने की कोशिश कर रहे लोगों ने शतरंज विश्व को एक करने की कोशिश की। यह तय किया कि विश्व के सबसे मजबूत खिलाड़ी को चुनौती देने के लिए चैंपियनशिप होगी, तो उसमें आनंद फिट नहीं किए गए।

आनंद की कास्परोव से खिताबी लड़ाई

1995 में आनंद 25 साल के थे तब उन्होंने पहली बार कास्परोव से खिताबी लड़ाई की थी। भारतीय जीनियस ने बढ़त भी बना ली थी लेकिन कास्परोव स्कोर 5-5 से बराबरी पर ले आए। 11वीं बाजी टर्निंग पॉइंट थी । कास्परोव ने ड्रॉ की पेशकश की। आनंद ने ठुकरा दी। इसके बाद बहुत बड़ी गलती की और हार गए। यहाँ उनका मनोबल टूट गया। कास्परोव ने दो और गेम जीते। 20 गेम का मुकाबला 18 गेम में ही खत्म हो गया। लोगों ने कहा था कि अब आनंद की वापसी मुश्किल है।

बॉबी फिशर ने मार्क ताइमानोव को 6-0 से हराया था। ताइमानोव फिर संगीत में सुकून ढूँढते रहे। कास्परोव ने 1993 में नाइजल शॉर्ट को कुचला। शॉर्ट फिर कभी पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। आखिर वह 2000 में जीते। कास्परोव और क्रमनिक तब फिडे से लड़ रहे थे।

वर्ल्ड चैंपियनशिप 2007

आनंद ने शिरोव को फाइनल में हराया। 2002 और 2004 में वह नहीं खेले। 2005 में क्लासिकल फॉरमेट के वर्ल्ड चैंपियनशिप में वह खेले। पीटर स्विड्लर के साथ वह दूसरे स्थान पर रहे। तोपालोव ने खिताब जीता। 2007 में उन्होंने कुछ भी न छोड़ने का फैसला किया। वह आराम करके आए थे। पूरी तरह तैयार थे। हमेशा की तरह मुस्कराते हुए पत्नी अरुणा के साथ आए थे। उन्होंने सबको ढहा दिया। वह कोई मैच नहीं हारे।

चार जीत दर्ज की। जब उनसे पूछा गया कि क्रैमानिक के साथ री-मैच पर क्या सोचते हैं, तो आनंद मुस्कुराए आज मुझे जश्न मनाने दीजिए। बाकी बातों पर कुछ इंतजार किया जा सकता है। विश्वनाथन आनंद को अनेक अवार्ड मिल चुके हैं- खेलरत्न, अर्जुन अवॉर्ड, पद्मश्री, पद्मभूषण, सोवियत लैंड नेहरू अवॉर्ड, चेस ऑस्कर आदि विश्वनाथ आनंद की उपलब्धि पर भारत को गर्व है।

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FAQ’s

Q1 : विश्वनाथन आनंद किस खेल से संबंधित है?

Ans : विश्वनाथन आनंद शतरंज के खिलाड़ी है।

Q2 : विश्वनाथन आनंद के माता का नाम क्या था?

Ans : विश्वनाथन आनंद के माता का नाम सुशीला था।

Q3 : शतरंज के प्रसिद्ध खिलाड़ी का नाम?

Ans : शतरंज के प्रसिद्ध खिलाड़ी का नाम विश्वनाथन आनंद।

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