व्रत रखने के फायदे जानकर रेह जायेंगे हैरान आप भी रखने लगेंगे व्रत, किसी भी साधन से जब हम अपना मन व शरीर दोनों को शुद्ध रख पाते हैं, तब रोगों से बचने का उपाय स्वयं ही हो जाता है। व्रत (Vrat Rakhne Ke Fayde) रखने से लाभ ही लाभ हैं। हानि कभी नहीं। किसी भी व्यक्ति या धर्म ने व्रतों का कभी विरोध नहीं किया। अतः बहुत जरूरी हैं ये।
व्रत रखने के फायदे

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व्रत रखने के फायदे
- जैसे-जैसे शरीर में जहरीले पदार्थ इकट्ठे होंगे, ये रोगों का कारण बनेंगे। अथवा जब व्रत के द्वारा मन तथा शरीर का शोधन हो जाएगा, सभी विषैले, विजातीय तत्त्व बाहर निकल जाएंगे, शरीर निरोग हो उठेगा।
- यदि शरीर में ज़हरीले तत्व बने रहेंगे, कोई न कोई विकार, कोई न कोई उपद्रव करते ही रहेंगे। अतः निकालना ही होगा इन्हें बाहर।
- शरीर में विद्यमान ऊर्जा का पूरा लाभ भी तभी उठा सकते हैं जब इसमें अवांछित तथा हानिकारक पदार्थ नहीं रहेंगे। यह काम व्रत बखूबी कर, हमारी ऊर्जा को भी रक्षित कर देते हैं। स्वास्थ्य में सुधार तो स्वतः होगा ही ।
- हमारा खान-पान सही हो, यही व्रत का काम है। पेट को किसी टीन – कनस्तर की तरह ठूंसकर भरने की प्रवृत्ति को कम करने का काम भी व्रत संभालते हैं।
- जब व्रत रखते हैं तो शरीर के विभिन्न अंगों को कुछ विश्राम मिल जाता है। यह ऐसा समय है जब हमारे सभी अंग तनावमुक्त होकर रहते हैं। आराम पाते हैं। इनको सहज होने में मदद मिल जाती है। इसी प्रकार शरीर रोगों से भी बच पाता है।
- व्रत का काम है पूरे शरीर की ओवरहॉलिंग करना। इससे पूरी शारीरिक प्रक्रिया की ओवरहॉलिंग होना ही स्वास्थ्य पाना है।
- स्वस्थ व्यक्ति के लिए अक्सर व्रत रखना, थोड़ा लम्बा या कड़ा व्रत रखना भी सम्भव है। यह उपयोगी भी रहता है। मगर यदि कोई अस्वस्थ हो, रोगी हो, शारीरिक कमज़ोरी लिए हो, उसे अपनी क्षमता का ध्यान रखकर ही व्रत रखना चाहिए। जितना शरीर सहर्ष बर्दाश्त कर पाए, उतना ही अच्छा व लाभदायक रहता है।
- चाहे आप स्वस्थ हों या अस्वस्थ, व्रत रखने पर यदि शारीरिक हालत खराब होने लगे तो आप व्रत तोड़ दें। इसमें कोई पाप नहीं लगेगा। कुछ नहीं बिगड़ेगा। बल्कि यही उचित भी होगा।
- एक विद्वान का कहना है कि ऐसे मौके न करें। असली मतलब है लाभ पाने का। हानि का नहीं।
यदि किसी कारण कोई रोज व्रत रखने लगे तो उसे एक दिन में कोई एक खाद्य पदार्थ त्यागना ठीक रहता है। या फिर आज नमक नहीं खाएं। कल मीठा त्यागें। परसों भोजन से कार्बोज गायब करें। चौथे दिन वसा बिल्कुल न लें। पांचवें दिन मिर्च-मसालों की छुट्टी कर दें। इस प्रकार शरीर की किसी भी तत्व पर होने वाली निर्भरता ख़त्म हो जाएगी। यह भी एक अच्छा तरीका है। मन तथा शरीर को शुद्ध करने का। अतः व्रत हमारे लिए बड़ा ही महत्व रखते हैं। व्रत जरूर रखें।
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