Telegram Group (100K+) Join Now

जमीन रजिस्ट्री के नियम 2023 क्या है, जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है उत्तर प्रदेश

प्लॉट की रजिस्ट्री कराने से पहले आपको जमीन रजिस्ट्री के नियम 2023 के बारे में पता होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी पूरी जिंदगी की कमाई जमीन खरीदने में लगा देते हैं और यदि जमीन खरीदने में थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो आपको इसके लिए पछताना पड़ सकता है। कुछ लोग जमीन खरीद कर अपना घर बनाते हैं और कुछ लोग व्यापार या खेती करने के लिए जमीन को खरीदते हैं। जमीन रजिस्ट्री के नियम UP में क्या है यह जानना बहुत ही जरूरी है।

जमीन रजिस्ट्री के नियम 2023

जमीन रजिस्ट्री के नियम
Zameen Registry Ke Niyam in hindi 2023

जमीन रजिस्ट्री कैसे करवाएं

भारत के हर राज्य में जमीन की रजिस्ट्री करवाना बहुत ही अनिवार्य होता है और जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया हर राज्य की अलग अलग हो सकती है। भारत में लगभग हर राज्यों में जमीन की रजिस्ट्री के नियम लगभग सामान्य होते हैं। जमीन की रजिस्ट्री के बारे में बहुत से लोगों को तो पता ही नहीं होता कि जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है। जमीन की रजिस्ट्री क्यों कराते हैं। जमीन की रजिस्ट्री किसके नाम होती है। जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए भारत सरकार ने कुछ नियम बनाए गए हैं।

यह भी पढ़े – 1 दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें? Court Marriage In 1 Day?

जमीन की रजिस्ट्री किसे कहते हैं

भारत के किसी भी राज्य में जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कुछ कानूनी कार्यवाही की जाती है जिसमें जमीन का मालिक जमीन के खरीदार को जमीन बेचकर उस सरकारी दस्तावेज में अपने नाम को हटाकर खरीदार के नाम कर देता है और वह खरीददार उस जमीन का मालिक बन जाता है जमीन खरीदने के बाद जमीन का मालिक उस जमीन पर अपने लिए उपयोगी कार्य कर सकता है।

जमीन की रजिस्ट्री के नियम 2023

भारत के किसी भी राज्य में जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं उन नियमों का पालन करते हुए हैं आप जमीन की रजिस्ट्री करा सकते हैं।

  • पहले से जिस व्यक्ति के नाम पर जमीन रजिस्टर है उस व्यक्ति के द्वारा जमा किए गए कागज में आईडी के साथ उसके नाम का सही होना अनिवार्य है।
  • बेची जाने वाली जमीन का प्रमाणित नक्शा होना अनिवार्य है।
  • जमीन की रजिस्ट्री कराते समय बेचने वाले व्यक्ति की सभी उंगलियों के निशान लिए जाते हैं।
  • भारत में हर राज्य की रजिस्ट्री अब ऑनलाइन तहसील में होने लगी है।
  • इसमें बेचने वाले और खरीदने वाले व्यक्ति की फोटो वहीं पर ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड की जाती है।
  • जमीन खरीदते समय दो गवाहों की आवश्यकता पड़ती है।
  • जमीन की रजिस्ट्री के 1 नियम के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ ही आवासीय प्रमाण पत्र को साथ लाना अनिवार्य बताया गया है।
  • भारत के हर राज्य में जमीन की रजिस्ट्री के अलग-अलग नियम होते हैं जिसे वहां के निवासियों को मानना अनिवार्य है।

यह भी पढ़े – पिता की संपत्ति पर बेटे का क्या अधिकार है? पति की पैतृक संपत्ति पर बेटे का अधिकार?

जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराएं

यदि आप जमीन खरीदना चाहते हैं तो जमीन की रजिस्ट्री कराने की कई प्रक्रिया होती है जिससे होकर गुजरना पड़ता है जो इस प्रकार है-

1. जमीन का मूल्य निर्धारित करें

जिन व्यक्ति को जमीन खरीदनी है उनको रजिस्ट्री कराने से पहले उस जमीन के एरिया के बारे में पता करें और उस एरिया में उस जमीन की मार्केट वैल्यू कितनी है इसके बारे में भी पता करें और साथ ही साथ यह भी पता करें कि उस जमीन का सरकारी मूल्य कितना चल रहा है इसके बाद ही आपको जमीन रजिस्ट्री कराने के लिए सभी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। यह दस्तावेज इस टाइम पेपर पर बने होते हैं जिन्हें स्टैंप ड्यूटी के नाम से भी जाना जाता है।

2. रजिस्ट्री के लिए इस टाइम ड्यूटी पेपर बनवाएं

स्टैंप ड्यूटी पेपर बनवाने के लिए आपको अपने नजदीकी रजिस्ट्री ऑफिस में जाना है और वहां पर किसी भी वकील यादव स्टार से मिलकर आपको अपनी इस टाइम ड्यूटी पेपर बनवाने हैं इस कार्य के लिए आपको उन्हें कुछ निर्धारित फीस देनी होगी। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जो जमीन खरीदने वालों के लिए एक प्रकार का सबूत होता है। यदि आप रजिस्टार ऑफिस नहीं जा पाते हैं तो आप इस टाइम ड्यूटी पेपर ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं इस टाइम ड्यूटी ऑनलाइन बनवाने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट stemp.com या www.shcilestamp.com दी गई हैं यहां से आप इनको डाउनलोड कर सकते हैं।

यह भी पढ़े – वसीयतनामा क्या होता है? वसीयतनामा कैसे तैयार किया जाता है?

3. जमीन खरीद और बिक्री के संबंधित कागज

कोर्ट में जमीन की रजिस्ट्री कई चरणों में होती है। जमीन का मालिक और जमीन का खरीदार दोनों लोगों को वकील से मिलकर जमीन के नए पेपर तैयार किए जाते हैं और जमीन बेचने वाले के द्वारा उन पेपरों पर उनकी स्वीकृति लिखी जाती है में यह जमीन पूर्ण रूप से इस व्यक्ति के नाम पर कर रहा हूं और अब उसे इस जमीन का मालिक यह होंगे। और उसमें यह भी लिखा होता है कि यह जमीन कितने में बेचे जा रहे हैं और अन्य प्रकार की सभी चीजों को लिखित तौर पर दस्तावेजों में लिखा जाता है।

4. सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में पेश होना अनिवार्य है

अन्य सभी प्रक्रिया हो जाने के बाद सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है यहां पर जमीन बेचने और खरीदने वाले दोनों व्यक्तियों को एक साथ होना अनिवार्य है और साथ ही साथ ऐसे दो व्यक्ति जो गवाह के रूप में आए हुए हैं उनका पहचान प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। सभी दस्तावेजों की पुष्टि करने के बाद वह आपको एक रसीद देता है। इस रसीद को आपको भविष्य में प्रयोग होने हेतु संभाल कर रखना होता है।

यह भी पढ़े – कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? जाने कोर्ट मैरिज करने में कितनी फीस लगती है।

5. दाखिल खारिज अवश्य कराएं

रजिस्ट्री प्राप्त करने के बाद जमीन आपके नाम पर हो जाती हैं रजिस्ट्री पेपर आप की जमीन के असली पेपर होते हैं जमीन की रजिस्ट्री हो जाने के बाद आपको दाखिल खारिज कराना जरूरी होता है दाखिल खारिज करवाने से जमीन आपक कब्जे में आ जाती है पहले दाखिल खारिज ऑफलाइन प्रक्रिया की जाती थी परंतु अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी होने लगी है। दाखिल खारिज करने के बाद आपको राजस्व विभाग की तरफ से जमीन वेरीफाई करके आपको एक रसीद दे दी जाती है जिसके बाद आप उस भूमि का उपयोग कर सकते हैं।

जमीन रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज

जब आप जमीन की रजिस्ट्री करवाते हैं तो उस समय बहुत से ऐसे दस्तावेज हैं जिनकी आवश्यकता पड़ती है यदि कोई भी ऐसा दस्तावेज आप से छूट जाता है तो जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जाती है। इसलिए आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना है कि जमीन की रजिस्ट्री कराते समय आपके सारे आवश्यक दस्तावेज आपके पास होना अनिवार्य है-

  1. पहचान प्रमाण पत्र
  2. खाता प्रमाण पत्र
  3. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)
  4. जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी
  5. जमीन के पेपर (एलॉटमेंट लेटर)
  6. प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें
  7. बैनामा
  8. बैंक चेक या फिर पैसे के लेनदेन का विवरण

जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

कभी-कभी हम जमीन या प्लॉट जल्दबाजी में खरीद लेते हैं और हम उस जमीन से जुड़ी सारी बातों की जानकारी नहीं लेते हैं ऐसी स्थिति में आपके साथ धोखा भी हो सकता है इसलिए जमीन खरीदते समय जल्दबाजी ना करें और जमीन या प्लॉट खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।

  • जिस व्यक्ति से आप जमीन खरीद रहे हैं उस व्यक्ति के बारे में अच्छे से पता कर लें और जमीन को कितनी बार बेचा और खरीदा गया है उसकी जानकारी अच्छे से पता करें।
  • जिस व्यक्ति के द्वारा जमीन बेची जा रही है उस जमीन का वह असली मालिक है या नहीं यदि नहीं है तो उसका पावर ऑफ अटॉर्नी लेटर होना अनिवार्य है।
  • जमीन खरीदने से पहले उसके पेपरों को ऑनलाइन जरूर वेरीफाई करें ऑनलाइन वेरीफाई करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट (https://upbhulekh.gov.in/public/public_ror/Public_ROR.jsp)
  • किसी भी शेड्यूल कास्ट की जमीन तब तक नहीं खरीदनी चाहिए जब तक कि आपको रजिस्ट्रार ऑफिस से उसकी परमिशन ना मिल जाए।
  • बेचने वाले के द्वारा आप को दिखाया गया नक्शा यदि नगर निगम में आता है या फिर नगरपलिका में आता है यह नक्शा इनके द्वारा ही बनाया गया हो।।

यह भी पढ़े – संपत्ति का बंटवारा कैसे करें? ज्वाइंट ओनरशिप का क्या मतलब होता है?

Subscribe with Google News:

Telegram Group (100K+) Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *